कश-म-कश है मन में
चल रही है हर पल
खुद से पूछती हूँ सवाल कुछ
जानना चाहती हूँ खुद को
कौन हूँ मैं क्या मक़सद है मेरा
ज़िन्दगी को कहा ले जा रही हूँ
अपनी उम्मीदें पूरी कर रही हूँ या
अपनों को दिलासा दे रही हूँ
ठहर सी गई है ज़िन्दगी मेरी
कुछ फैसलों की ज़रुरत है अब
क्या करुँ कौन सी राह चुनु
जवाब ये ढूँढ रही हूँ
कश-म-कश है मन में
चल रही है हर पल
चल रही है हर पल
खुद से पूछती हूँ सवाल कुछ
जानना चाहती हूँ खुद को
कौन हूँ मैं क्या मक़सद है मेरा
ज़िन्दगी को कहा ले जा रही हूँ
अपनी उम्मीदें पूरी कर रही हूँ या
अपनों को दिलासा दे रही हूँ
ठहर सी गई है ज़िन्दगी मेरी
कुछ फैसलों की ज़रुरत है अब
क्या करुँ कौन सी राह चुनु
जवाब ये ढूँढ रही हूँ
कश-म-कश है मन में
चल रही है हर पल
4 टिप्पणियाँ:
जो फैसला लेना है ले लीजिये। क्या मालूम कल हो या न हो। कश्मकश दूर कीजिये।
और हर बार अन्जाम की चिन्ता मत करो। क्योंकि कुछ फैसले इतने खूबसूरत होते हैं कि उन्हें छोड देने पर बाद में दुख होता है।
कश-म-कश है मन में
चल रही है हर पल....
very nice....
ये कशमश ही तो कुछ नही करने देती है ज़िन्दगी में....काफ़ी अच्छा लिख रही है लिखते रहिये
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