अपने कमरे की खिड़की पर खड़ी लावण्या बारिश की सुकून भरी आवाज़ सुन रही थी। कितने दिन बाद आज उसे अपने लिए थोड़ा वक्त मिल पाया है। तीसरे तले के मकान से सामने वाली सड़क पर बारिश में भीगती हुई एक लड़की को जाते हुए देख उसके पीले चेहरे पर अचानक गुलाबी मुस्कान ने जगह बना ली, लेकिन जिस तरह आसमान में बिजली कुछ सैंकेंड के लिए चमक कर अदृश्य होती है, उसकी मुस्कुराहट भी पल भर की मेहमान निकली। वो अपने आप से कहने लगी, “कितने दिन हुए न, मुझे इस तरह बारिश में भीगे हुए, जमीन पर इकट्ठे हुए मिट्टी वाले पानी में छप-छप किए हुए, बाहें फैलाए बारिश की बूंदों को अपने में समेटे हुए....”।
लावण्या को बारिश हमेशा से पसंद थी। आसमान में बादल काले हुए नहीं कि उसके मन का मोर नाचने के लिए बेचैन होने लगता था। झटपट सब कुछ छोड़कर वो छत पर दौड़ जाती थी और बारिश में खूब भीगती थी। मां छतरी लेकर उसे वापस ले जाने आती तो मां से छतरी छीन उन्हें भी अपने संग भिगो लेती थी। तब कितना वक्त देती थी वो खुदको और खुद की ख्वाहिशों को उन दिनों। दिन भर कुछ न कुछ करती रहती। सुबह जल्दी-जल्दी में कॉलेज निकल जाना, फिर लेक्चर अटेंड कर दोस्तों के साथ कैंटीन में गपशप मारना, उनके साथ घूमने निकल जाना, शाम को घर वापस आते समय बाज़ार से घर का सामान लेते हुए जाना, साथ में अपनी पसंदीदा चाट और कुल्फी खाना, रात मां के साथ किचन में थोड़ी मदद कर अपने छोटे भाई के साथ ढेर सारी बाते करना, पिता के साथ न्यूज़ देखते हुए अगली बार होने वाले लोकसभा चुनावों की चर्चा करना, रात सोने से पहले अपनी डायरी के कुछ पन्नों को अपनी ज़िंदगी के रंगो से रंगना और फिर चेहरे पर मुस्कान लिए सपनों मे खो जाना...। ये सब सोचते हुए लावण्या की धुंधली भूरी आंखों में अलग ही चमक आ गई। नज़रे अभी भी सड़क पर जाती उस लड़की पर थी लेकिन उसका मन सात साल पहले की लावण्या में उलझा हुआ था...
(TO BE CONTINUED)
4 टिप्पणियाँ:
to lavanya aur aage kaho
अच्छी शरुआत ...आगे इंतज़ार है
अब् तो आगे का इंतज़ार है क्योंकि ऐसा लगा जैसे किसी ने मुझे ही लिख दिया ये बारिश मे भीगना तो मुझे भी बिल्कुल इसी तरह पसन्द था।
बादल को बरसते देख लावण्या के चेहरे पर जो मुस्कान आती थी, उसे देख खुद बादल भी बहुत खुश होते थे। लावण्या की खुशी को बरकरार रखने की चाहत में वो बारिश की बूंदों को तब तक ना रोकते, जब तक लावण्या खुद परेशान ना होकर कहती कि "अब और कितना बरसोगे"।लावण्या और बारिश दोनों का रिश्ता भी कितना प्यारा है ना...अगली कड़ी का इंतज़ार रहेगा...
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