क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ? Tiktok का सच
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क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ?
ऐसे बहुत से लोग मैने देखे जो सोश्यल मीडिया पर चाइनीज सामान का बहिष्कार करने
की जबरदस्त अपील करते है मगर जब वास्तविकता देखी त...
4 वर्ष पहले
14 टिप्पणियाँ:
माशा अल्लाह ! शबनम जी,
दिल के जज्वात व ग़म-ए-तन्हाई को क्या मुफीद लफ्ज दी है आपने.... मगर मैं सोच रहा हूँ कि 'इसको ग़ज़ल कहूँ या कहूँ इसे रुबाई.... " ! पर जो कुछ भी है खुदा की कसम लाजवाब है !!
तस्वीर के हिसाब से नज़्म भी बहुत उम्दा है.
महफिल में भी तू
तनहा ही तो रहता है...
इस पर भी कहता है
परेशान न हो,मुझे कुछ नहीं हुआ है...
.....लाजवाब.
होता हूँ जब परेशान मैं....
तो देती है तू हर वक़्त साथ मेरा...
इससे ज़्यादा की चाहत नहीं...
तू ही दवा है मेरी परेशानी में...
लाजवाब
कविता के भाव बहुत लाजवाब हैं ......... अच्छी रचना है ..........
शबनम साहिबा,
आपका ये खूबसूरत कलाम एक शेर याद दिला गया-
करके तन्हा मुझे उसका भी बुरा हाल हुआ
उसकी ज़ुल्फें भी न सुलझी मेरी उलझन की तरह
शाहिद मिर्ज़ा शाहिद
khoobsoorat
lajawab....
hummmmm its awsome dost !! great one when anyone read this poem somewhere he realates with his life ??? like me ???
goooooooooooooooood work ....keep higher n higher ....plz come at my blog its also nice one...
Jai HO mangalmay ho
कह रहा था मैं उनसे मेरे दिल से मत जाओ..
देखकर मकान खाली कितने ग़म चले आए..
शबनम जी तन्हाई और उदासी को खूबसूरती से बयान कर दिया आपने..
सुंदर कविता
Behad khubsurat rachna hai shabnam, kuch bole bin jo samaj jaye pyar wahi to hota hai.
very nice and really deeply thoughts.
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