बातें अक़्सर किया करते हैं हम
कुछ मीठी तो कुछ कड़वी
बातें अक़्सर बन जाती हैं यादें
कुछ आज की तो कुछ कल की...
कोई दे न दे बातें हमेशा साथ देती हैं
ये ज़रिया है दिल के अरमानों का
जिसमें अक़्सर रात साथ देती है...
बातें किसी प्यारे इन्सान की
बातें किसी ख़ास इन्सान की
बातें हर किस्से कहानी को रंग देती...
मन की उलझन चाहे जीवन की हलचल हो,
बातें सब सुलझा देती है
दिलों को जोड के हर रिश्ते को नया रंग देती है...
बातों ही बातों में ये बातें निकल आई हैं,
गर ध्यान दो इन बातों पर,
तो यही हर जीवन की सच्चाई है...
(दोस्तों मैं बहुत ही ख़ास मौकों पर कवितायें लिखती हूँ और प्रस्तुत कविता मेरी एक बहुत ही ख़ास मित्र की फ़रमाईश पर मैनें लिखी हैं....हाँलाकि ये मेरी पहली कोशिश नही है इससे पहले भी मैं कई बार शब्दों को अपनी कविताओं में पिरो कर प्रताडित कर चुकी हूँ...पर यहाँ पर यही एक नमूना काफ़ी है....उम्मीद है अब मेरी वो ख़ास दोस्त फ़िर कभी ऐसी फ़रमाईश मुझसे नही करेगी....)
6 टिप्पणियाँ:
सच में यह एक अत्यंत सुन्दर रचना है। आपके मेल पर मैं इससे सम्बन्धित टिप्पणी भेजूँगा।
नमूना बढ़िया था
हम तो करेंगे फरमाईश :-)
एग्रीगेटरों के द्वारा अपने ब्लॉग को हिंदी ब्लॉग जगत परिवार के बीच लाने पर बधाई।
सार्थक लेखन हमेशा सराहना पाता है।
मेरी शुभकामनाएँ
बी एस पाबला
" aise kaise chalega ...hum to karenge farmaish ...itana accha jo aap likhati hai ...."
aapko is rachana ke liye badhai
kabhi hamare blog per bhi aaye aapka swagat hai
----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
http://hindimasti4u.blogspot.com
बातों बातों में बेहतरीन नमूना आपने पेश किया है अपने लेखन का।
हमने देखे हैं बहुत बात बनाने वाले।
बातवाले तो फकत बात पे मर जाते हैं।।
www.manoramsuman.blogspot.com
narayan narayan
बहुत बढिया लिखा आपने .. इस नए ब्लाग के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है .. उम्मीद करती हूं .. आपकी रचनाएं नियमित रूप से पढने को मिलती रहेंगी .. शुभकामनाएं !!
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