क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ? Tiktok का सच
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क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ?
ऐसे बहुत से लोग मैने देखे जो सोश्यल मीडिया पर चाइनीज सामान का बहिष्कार करने
की जबरदस्त अपील करते है मगर जब वास्तविकता देखी त...
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*जयपुर मेट्रो : बदलाव अच्छे हैं*
*कुछ महीनों पहले तक मेट्रो जयपुर का सपना हुआ करती थी। अब भी है। शहरवासियों
का इसमें बैठने का इंतजार अभी पूरा नहीं हुआ है। ल...
विश्वास
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जीवन के तमाम उतार चढ़ाव में
अक्सर तुम्हे अपने साथ पता हूँ
हर वो लम्हा मुझे याद है एकदम अविस्मृत
मै व्याकुलता के पराकास्ठा पर था
तब तुमने मझे दूर से ही
अ...
ट्रेन और ज़िंदगी
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बाहर के दरख़्त, इंसान, जानवर अमूमन सभी कुछ पीछे की ओर भाग रहा था। उसका शरीर
पटरी पर दौड़ती गाड़ी के साथ तेजी से मंज़िल की ओर बढ़ रहा था, लेकिन पीछे
भागते...
और वो चला गया,बिना मुड़े...
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दो दिनों की लगातार बारिश के बाद चैंधियाती धूप निखरी थी सफेद कमीज और लाल
निक्कर में सजे छोटे-छोटे बच्चों की चहचहाहट से मैंदान गूंज रहा था। अपने
केबिन में ब...
1 टिप्पणियाँ:
अच्छा लिखा है आपने. कभी-कभी हम गिरकर जल्दी नहीं संभल पाते. लेकिन यह कविता लिखना खुद संभलने का रास्ता तलाशने की खोज जैसा ही है.
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