शून्य में शून्य : आखिर क्या है ?
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शून्य में शून्य और विडीओ ब्लॉग पंच 5
*शून्य भी बड़ा कमाल का है* , एक तरफ से देखो तो *शून्य है मगर सबकुछ शून्य में
समाया हुवा है *और वैसे भी कहा जाता है ...
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*जयपुर मेट्रो : बदलाव अच्छे हैं*
*कुछ महीनों पहले तक मेट्रो जयपुर का सपना हुआ करती थी। अब भी है। शहरवासियों
का इसमें बैठने का इंतजार अभी पूरा नहीं हुआ है। ल...
ख़ामोश इल्तिज़ा
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तन्वी बालकनी में खड़ी सामने फैले स्याह अँधेरे को घूंट घूंट पीने की कोशिश कर
रही थी ,सोचती कुछ ऐसा जादू हो कि वो स्याह अँधेरे में गुम हो जाए और फिर कोई
उस...
विश्वास
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जीवन के तमाम उतार चढ़ाव में
अक्सर तुम्हे अपने साथ पता हूँ
हर वो लम्हा मुझे याद है एकदम अविस्मृत
मै व्याकुलता के पराकास्ठा पर था
तब तुमने मझे दूर से ही
अ...
ट्रेन और ज़िंदगी
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बाहर के दरख़्त, इंसान, जानवर अमूमन सभी कुछ पीछे की ओर भाग रहा था। उसका शरीर
पटरी पर दौड़ती गाड़ी के साथ तेजी से मंज़िल की ओर बढ़ रहा था, लेकिन पीछे
भागते...