शून्य में शून्य : आखिर क्या है ?
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शून्य में शून्य और विडीओ ब्लॉग पंच 5
*शून्य भी बड़ा कमाल का है* , एक तरफ से देखो तो *शून्य है मगर सबकुछ शून्य में
समाया हुवा है *और वैसे भी कहा जाता है ...
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*जयपुर मेट्रो : बदलाव अच्छे हैं*
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ख़ामोश इल्तिज़ा
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विश्वास
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जीवन के तमाम उतार चढ़ाव में
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ट्रेन और ज़िंदगी
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पटरी पर दौड़ती गाड़ी के साथ तेजी से मंज़िल की ओर बढ़ रहा था, लेकिन पीछे
भागते...
10 टिप्पणियाँ:
शबनम जी ने जो किया कुछ पंक्ति में पेश।
सचमुच ये हालात हैं कौन बचाये देश?
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बेहद रोचक
यही हालात है
जन्नत का नमूना था हमारा वतन मगर
गंदी सियासत ने जहन्नम बना दिया.....
..ekdam sahi kaha aapne...mai aapka dard samajh sakta hoon...
इन फ़सादात ने तो भारत की
एकता का लहू निचोङा है
बिलकुल सही कहा शुभकामनायें
बहुत खूब लिखा है आपने।
सच में....
जन्नत का नमूना था हमारा वतन मगर
गंदी सियासत ने जहन्नम बना दिया।
अच्छे खासे इन्सान थे हम
बिना संवेदनाओं की जिन्दा लाश हो गये हैं।
दिल को नाशाद करके छोङा है
काशी लूटी है क़ाबा तोङा है
इन फ़सादात ने तो भारत की
एकता का लहू निचोङा है
bahut khoob........
Shabnam.....mujhe tumhe aisa likhte dekh kar bahut khushi ho rahi hai.......
सच्ची बात !!
बहुत खूब लिखा है आपने।
वाह.....
एकदम यथार्थ.......
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