जुदा जुदा सा, अंदाज़-ए-बयां

गुरुवार, 7 मार्च 2013

तू सिर्फ इंसान है..

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पैदाइश के फौरन बाद मैं खुद ब खुद हिस्सा हो गई कुल आबादी के आधे कहलाने वाले एक संघर्षशील  ' समुदाय'   का , कानो...
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बुधवार, 16 जनवरी 2013

अपने हिस्से का प्यार..

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चांद तारों की म हफिल लगने से आसमान में सूरज लहराने तक बादल के आखिरी टुकड़े से बारिश की हर बूंद निचुड़ जाने तक घर क...
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शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

तेरी सासों में क़ैद, मेरे लम्हे

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वो लम्हे तेरी सांसों में क़ैद जो मेरे थे सिर्फ मेरे, जिनमें नहीं थी मसरूफियत ज़माने की रोज़ी-रोटी कमाने की और जिसमें नही...
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शानदार रही श्रीदेवी की वापसी : इंग्लिश विंग्लिश

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17 सालों के लंबे वक़्त के बाद अपने ज़माने की बेहतरीन अदाकारा जब परदे पर वापसी करती है तो उसके साथ दर्शकों की ढेरों उम्मीदें जुड़ी हो...
गुरुवार, 6 सितंबर 2012

तुम्हारा प्रेम पत्र

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कल ही मिला किताब में छुपा हुआ था, नहीं रखकर भूली नहीं थी दरअसल, छुपाने के लिए किसी जगह की तलाश वहीं ख़त्म हुई थी, बद...
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शबनम खान
दिल्ली, India
पढ़ाई से पत्रकार, नौकरी से अनुवादक और शौक से लेखक !
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