औरत होना..!

औरत होना
एक अनुभव है,
एक एडवेंचर, एक चैलेंज..
हालांकि यहां
क्विट करने का ऑप्शन
बचता नहीं हमारे पास
लेकिन
आदत हो जाती है
लड़ने की
खुद से, परिवार से
समाज से..
आदत हो जाती है
जूझने की
खुद से, परिवार से
समाज से..
आदत हो जाती है
जीतने की
खुद से, परिवार से
समाज से..!
(अपनी शर्तों पर जीने वाली सभी औरतों को मेरी तरफ से “हैप्पी विमन्स डे” और सभी पुरूष... हम्म्म...अब कविता लिखी है तो पढ़ लीजिए..!!)

12 टिप्पणियाँ:

बिल्कुल सही कहा ……………आभार्।

 

जी बिलकुल सही है...और संघर्ष भी करना चाहिये ना...

 

होली और महिल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
आपने बहुत ही अच्छी कविता लिखी है।

सादर

 

कल 10/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

 

और यही जीत निरंतर झूझने के शक्ति फिर से दे देती है ...सुन्दर पहली बार आना हुआ पोस्ट पर !

 

क्विट करने का ऑप्शन
बचता नहीं हमारे पास
लेकिन
आदत हो जाती है
लड़ने की
खुद से, परिवार से
समाज से..
YES .YOU ARE RIGHT.
GRACEFUL LINES.

 

एक सशक्त रचना...
हार्दिक बधाई.

 

बहुत सुन्दर प्रस्तुति !

 

प्रयास ईमानदार हों, तो समय अवश्य बदलेगा।

 

औरत होना
एक अनुभव है,
एक एडवेंचर, एक चैलेंज..
ek imandar dil hi imandari ki bat kar sakata hai
shrishti ki SARVOTTAM KRITI AURAT nisandeh .
aap sab is kabil hain ki aapako jimmedari saupi ja sakati hai.bas sansar ki bagdor aapake hathon di gai.jisaka nirwahan aaj tak chal raha hai..khush rahiye aagr badiye..

 

पुरुष... हम्म!...... बात जमी नहीं.....

 

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