आवाज़ें.. बारिश की


आवाज़ें बारिश की

सुनी हैं कभी?

सीमेंटिड आंगन पर

टिन की छतों पर

हरे चिकने पत्तों पर

खुली पानी की टंकियों पर

पत्थरों पर

सड़कों पर

गलियों में गिरती बारिश

हर बार हर जगह

अलग अंदाज़ के साथ

गिरती है बारिश

हर मंज़िल पर

अलग आवाज़ो का रास्ता

तय करती है बारिश

लेकिन

अंत उसका

एक सा ही होता है

चाहे चुपके से गिरे

चाहे झमाझम

गिरके खो जाती है

बारिश...

12 टिप्पणियाँ:

गिरती है एक रंग में ऊपर से बारिश
रंग जाती है उसी रंग में जिससे मिलती है बारिश।
प्‍यासे लवों की प्‍यास है बुझाती है बारिश
आशिकों के दिल की धड़कन है बारिश।।

 

wah wah
dono kavita aur comment- behab khoobsurat

 

यही है ज़िन्दगी का रंग

 

बारिश की बूंदों की आवाज़ और अंत एक ही होना ...अच्छा लगा इसे ज़िंदगी से जोड़ना

 

जिन्दगी का फलसफा भी तो यही है

 

बहुत कुछ कहतीं हैं ये बूंदे इन आवाजों में,
सुनने के लिए एक टूटा जिगर चाहिए बस।
बहुत सुंदर कविता लिखी ... बधाई
My Blog: Life is Just a Life
My Blog: My Clicks
.

 

बोलती बारिश के साथ आपकी बोलती रचना भी है... अति सुन्दर....

 

वाह ...बहुत बढि़या ।

 

Interesting....pretty and simple....loved reading..

 

bajta hai jal tarang teen ki chhat pe jab motiyon jaisa jal barse......!!
barish kuchh aisi hoti hai................!!

 

एक टिप्पणी भेजें